Connect with us

समूह ’ग’ की परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था होगी समाप्त , सीएम धामी ने किया ऐलान…

उत्तराखंड

समूह ’ग’ की परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था होगी समाप्त , सीएम धामी ने किया ऐलान…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रामलीला मैदान, हल्द्वानी, में नकल विरोधी कानून लागू करने के उपलक्ष में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित आभार रैली में प्रतिभाग कर जनसभा को संबोधित किया।  इस दौरान मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि समूह ’ग’ की कोई भी परीक्षा चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग के द्वारा कराई जा रही हो। सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाय।

इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे अर्थात् जेई जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी। उच्च पदों में जहाँ साक्षात्कार आवश्यक हो, जैसे- पी०सी०एस० या अन्य उच्च पद वहां भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखा जाएगा। साक्षात्कार के अकों को भी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा।

यह भी पढ़ें 👉  आकाश एजुकेशनल सर्विसेज़ देहरादून के सारांश मित्तल ने NEET 2025 में चमकाया नाम

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए नकल विरोधी कानून का कठोर निर्णय नकल माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का काम करेगा। पहली बार नकल करने वालों ,कराने वालों और प्रक्रियाओं को सही प्रकार से लागू न करने वालों को जेल की काल कोठरी में डालने का काम किया है। उन्होंने कहा वर्तमान में भर्ती घोटाले की जो भी जाँच हमारी सरकार करवा रही है वह जाँच निष्पक्ष हो और किसी भी माफिया या अपराधी को छोड़ा न जाय यह सुनिश्चित करने के लिए मैं स्वयं निरन्तर जाँच और कार्यवाही का पर्यवेक्षण कर रहा हूँ।

जाँच में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे, कोई पक्षपात न हो, कोई माफिया या अपराधी छूटे नहीं, इसके लिए सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से पूरी जाँच की निगरानी करने का अनुरोध भी किया है। इस कानून में हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करवाने वाले और नकल करने वाले दोनों को ही कठोतम् सजा का प्रावधान किया है। जहाँ नकल में शामिल अपराधियों को आजीवन कारावास भी होगा, 10 करोड़ तक जुर्माना भी होगा और घोटाले से अर्जित सम्पत्ति को भी जब्त कर लिया जाएगा। सरकार ने हाल ही में पीसीएस परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने का कार्य किया है, इस परीक्षा में करीब एक लाख से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया।

यह भी पढ़ें 👉  डीआरडीओ में साइंटिस्ट बनने का मौका, निकली नई भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नकल विरोधी कानून केवल और केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए है न कि किसी स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं के लिए। केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए भविष्य में भी जो सुझाव आएंगे उन्हें भी हमारी सरकार आवश्यकतानुसार लागू करेगी। राज्य सरकार अंत्योदय के मंत्र पर कार्य करते हुए अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ रही है। विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

यह भी पढ़ें 👉  बागेश्वर: वन दरोगा परीक्षा की पारदर्शिता और सफलता के लिए जिला प्रशासन सजग

हजारों की संख्या में मौजूद युवाओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हल्द्वानी में युवाओं द्वारा किए गए इस भव्य स्वागत से मैं अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका न डाले सके। युवाओं के हिस्से की सफलता का कोई और लाभ न उठा सके इसके लिए राज्य सरकार कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन्हीं कदमों के अंर्तगत प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। ये कानून नकल माफिया को काल कोठरी के अंदर तक ले जायेगा। राज्य सरकार किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top